चैत्र नवरात्र पर्व के प्रारम्भ होने के उपलक्ष्य में हवन
Event Start Date : 09/04/2024 Event End Date 31/01/2025
दिनांक 9/04/2024 को विद्यालय प्रांगण में आर्य समाज के 149 वे स्थापना दिवस, नवसम्वसर 2081 के प्रारम्भ होने और चैत्र नवरात्र पर्व के प्रारम्भ होने. के उपलक्ष्य में हवन का आयोजन किया गाया,जिसमें प्रधानाचार्या श्रीमती रश्मिराज बिस्वाल जी की उपस्थिति में कक्षा नवमी और दसवी के छात्र छात्राओं सहित विंग इंचार्च और सम्बंधित अध्यापपिकाओं ने भाग लिया
प्रधानाचार्या जी ने कहा कि आज का दिवस बहुत महत्वपूर्ण है, भारतीय नव संवतसर 2081 का प्रारम्भ हो रहा है, और साधना का पर्व नवरात्र का भी प्रारम्भ हो रहा है, नवरात्र पर्व मूलतः प्रकृति का पर्व है सृजन का पर्व है जैसे वृक्षों पर नए नए पत्ते, फल फूल आ रहे है वैसे ही मनुष्य इन दिवसों में संकल्प बद्ध होकर अपने जीवन को ऊर्जावान बनाता है और फिर सार्थक करने के प्रतिबद्ध हो जाता है, दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को सम्बोधित क़रते हुए प्रधानाचार्या जी ने कहा तुम सबके लिए भी यह वर्ष ऊर्जावान और व्यवस्थित होकर पढ़ने का है, इस वर्ष आपको अपनी पढ़ाई को व्यवस्थिति रूप से करना चाहिए , नवमी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए प्रधानाचार्या जी ने कहा कि तुम्हें नई शिक्षा नीति के प्रारूप से पढ़ाई करने का अवसर प्राप्त हो रहा है जो मूलतः सांस्कृतिक धरोहर का संवाहिका है, जीवन को संतुलित और मूल्यों से जोड़ने का कारण पैदा करने वाली है, निश्चित रूप से यह प्रक्रिया हमारे विद्यार्थियों को मूल्यों से जोड़ने में सक्षम होंगी l
आर्य समाज दिवस की सभी को शुभकामनाएँ देते हुए प्रधानाचार्या जी ने कहा कि जिस समय समाज में बहुत सी बुराईयां थी, उस समय ऋषि दयानन्द जी ने समाज को नई राह दिखाई और समाज में एक नया उल्लास पैदा हुआ जीने का दृष्टि कोण बदला,इसके लिए आज से 149 वर्ष पूर्व मुंबई में आर्य समाज की स्थापना की
आप सभी जानते है कि डी ए वी की स्थापना ही स्वामी दयानन्द जी की स्मृति में, उनकी शिक्षाओं को विद्यार्थियों में प्रासंगिक बनाने के लिए हुई थी,जो सतत अपने लक्ष्यों की पूर्ति में संलग्न है अतः हम सबका कर्तव्य है कि हम निष्ठा से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें मैं पुनः सभी को नवसंवत 2081 की नवरात्र और आर्य समाज स्थापना की हार्दिक शुभकामनाएँ देती हूं
प्रधानाचार्या जी के उद्बोधन के बाद शांति पाठ, प्रसाद वितरण के बाद कार्यक्रम समाप्त हुआ