सप्त कुण्डीय यज्ञ (23-01-2025)
Event Start Date : 23/01/2025 Event End Date 23/01/2025
प्रधानाचार्या श्रीमती रश्मिराज बिस्वाल जी, सभी विंग इंचार्च, अधिकतर अध्यापक अध्यापिकाओं सहित अन्य कर्मचारियों व सभी कक्षाओं के लगभग 500 छात्र छात्राओं ने भाग लिया ,औऱ दिव्य वेदमन्त्रों से विद्यालय परिवार की सुख, समृद्धि औऱ शुभता की प्रार्थना की,यज्ञ के बाद बच्चों नें यज्ञ की महिमा को भजन के माध्यम से अभिव्यक्ति दी, तदुपरान्त अपने उद्बोधन में प्रधानाचार्या जी ने इस शुभ अवसर पर सभी को शुभकामनाएँ दी,36 पूर्व अपनी यात्रा प्रारम्भ करने वाला डी ए वी पुष्पांजलि आज अपनी ख्याति से क्षेत्र में, विख्यात हैं औऱ डी ए वी. पुष्पांजलि की यशगाथा को जिसने भी अपने योगदान से ख्याति दी, उन सभी का आज मैं हृदय से आभार और धन्यवाद व्यक्त करती हूं, संस्थाएं व्यक्ति के योगदान से महत्त्व प्राप्त करती है, विद्यालय से निकला प्रत्येक विद्यार्थी जो भी योगदान दे रहा है,उसके जीवन में विद्यालय में व्यतीत ,प्रत्येक क्षण का विशेष महत्त्व होता है l प्रधानाचार्या जी ने कहा कि विद्यालय केवल अक्षर ज्ञान ही नहीं कराता,अपितु जीवन जीने की शैली भी यहाँ के अनुशासन से सीखता है l छात्र छात्राओं का आह्वान करते हुए प्रधानाचार्या जी ने कहा कि विद्यालय के नियमों का पालने करने से ही नियमों से कार्य करने का स्वभाव बनता हैं, जो जीवन भर हमारे साथ रहता हैं, विद्यालय का महत्व छात्र छात्राओं के उल्लेखनीय कार्यों से होता हैं, उनके अच्छे परीक्षा परिणाम से होता, उनकी अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों औऱ क्रीड़ा प्रतियोगिताओं में श्रेष्ठ परिणाम से होता हैंl औऱ इन मापदण्डों से डी ए वी पुष्पांजलि की अपनी एक विशेष पहचान हैं औऱ इन सब में आप सभी का विशेष सहयोग, योगदान हैं, मैं आशा करती हूं इसको सतत ओर उन्नति की तरफ ले जाने के आप लोगों के प्रयास जारी रहेंगे l प्रधानाचार्या जी ने छात्र-छात्राओं से आह्वान युक्त होकर कठोर परिश्रम करके विद्यालय की कीर्ति की वृद्धि के लिए संकल्प बद्ध होने के लिए कहा, प्रधानाचार्या जी नें कहा यह हम सबके लिए सौभाग्य की बात है कि विद्यालय से पढ़कर विभिन्न क्षेत्रों में अपनी ख्याति फैला रहे हमारे विद्यार्थी अब अपने विद्यालय के वार्षिक उत्सव में मुख्यातिथि के रूप में आ रहे है, यह उनके और हमारे दोनों के लिए ही गर्व की बात है, मैं आप सभी का आह्वान करती हूं,कि आप विद्यालय की ख्याति के लिए सतत पुरुषार्थ करते रहिए,अंत में शांति पाठ, प्रसाद, के बाद कार्यक्रम समाप्त हुआ