डी ए वी संस्थाओं की आदर्श संस्था आर्य प्रादेशिक सभा की मुख्य आर्य समाज ( अनारकली ) मन्दिर मार्ग के मंत्री, आदरणीय बिग्रेड़िया अधलखा सर का फोन कुछ दिन पूर्व आदरणीय प्रधानाचार्या श्रीमती रश्मिराज बिस्वास जी को आया , आग्रह था कि कोविड के कारण हमारी मुख्य आर्यसमाज के सत्संग बंद है हम उसका प्रारम्भ, आपके विद्यालय के छात्र, अध्यापकों से प्रारम्भ करना चाहते है, प्रधानाचार्या जी ने इसको पुष्पांजलि परिवार के लिए आदर्श अवसर समझा,उपस्थित होना गौरव की बात माना, स्वीकृति दी,प्रधानाचार्या जी ने संगीत शिक्षकों और संस्कृत अध्यापकों को उक्त कार्यक्रम में उपस्थित होकर बच्चों से भजन की श्रेष्ठ, प्रस्तुति तैयारी का निर्देश दिया, साथ ही भजन के बीच में मन्त्र उच्चारण करने की एक नई प्रविधि का प्रयोग करने का आग्रह किया,9 अक्टूबर को निर्धारित कार्यक्रम में विद्यालय के 21 छात्र, संगीत शिक्षक, संस्कृत शिक्षकों सहित प्रातः 9 बजे हवन में सम्मिलित हुए,तदुपरान्त छात्रों द्वारा ईश्वर भक्ति से युक्त,3 भजन प्रस्तुत किए गए, जिसको सभी ने करतल ध्वनि करके सराहा और प्रोत्साहित किया, उसके उपरांत विद्यालय के शिक्षक कृष्णावतार जी ने "ईश्वर स्तुति की अनिवार्यता "पर 30 मिनट तक वैदिक दृष्टिकोण को आधार बनाकर ईश्वर की उपासना को उतना ही आवश्यक बताया, जितना शरीर के लिए भोजन, अंत में अधलखा सर ने प्रधानाचार्या श्रीमती रश्मिराज बिस्वास जी का आभार व्यक्त किया, धन्यवाद ज्ञापित किया कि हमें आशा नहीं थी कि कोविड के बाद आर्य समाज का पहला ही कार्यक्रम इतना उत्तम होगा,बच्चों ने जिस तन्मयता से ईश्वर की महिमा को गया है वह बहुत ही उत्तम थी, इसके लिए प्रधानाचार्या जी की आभार, क्योंकि उन्हीं की प्रेरणा से विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा की श्रेष्ठ प्रस्तुति दी है, आर्यसमाज अनारकली के उपप्रधान और डी ए वी प्रबंधकृत्री समिति के महा सचिव श्री अजय सूरी जी ने भी कार्यक्रम की श्रेष्ठता को सराहा, अंत में शांतिपाठ के बाद जलपान, प्रसाद के बाद कार्यक्रम सम्पन्न हुआ